
लखनौ: उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत अब राज्य में सभी शराब की दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। राज्य के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की जानकारी दी।
ई-लॉटरी सिस्टम और दुकानों का आवंटन
हर आवेदक को केवल एक ही आवेदन करने का मौका मिलेगा।
कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो दुकानें ही ले सकेगा।
ई-लॉटरी के तहत देशी शराब, कंपोजिट दुकानें, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकानें आवंटित की जाएंगी।
प्रोसेसिंग फीस की 5 श्रेणियां
लॉटरी सिस्टम लागू होने के कारण प्रोसेसिंग फीस को पांच श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
1. बड़े शहरों (नगर निगम एरिया व 3 किमी तक का क्षेत्र)
देसी शराब की दुकान – ₹65,000
कंपोजिट दुकान – ₹90,000
मॉडल शॉप – ₹1,00,000
भांग की दुकान – ₹25,000
2. अन्य बड़े शहर (पहली श्रेणी को छोड़कर)
देसी शराब – ₹60,000
कंपोजिट दुकान – ₹85,000
मॉडल शॉप – ₹90,000
भांग – ₹25,000
3. नगर पालिका क्षेत्र (3 किमी तक का दायरा)
देसी शराब – ₹50,000
कंपोजिट दुकान – ₹75,000
मॉडल शॉप – ₹80,000
भांग – ₹25,000
4. नगर पंचायत क्षेत्र (3 किमी तक का दायरा)
देसी शराब – ₹45,000
कंपोजिट दुकान – ₹65,000
मॉडल शॉप – ₹70,000
भांग – ₹25,000
5. ग्रामीण क्षेत्र
देसी शराब – ₹40,000
कंपोजिट दुकान – ₹55,000
मॉडल शॉप – ₹60,000
भांग – ₹25,000
नई व्यवस्था: कंपोजिट दुकानें और प्रीमियम शराब
कंपोजिट दुकानों का नया मॉडल:
अब एक ही दुकान पर विभिन्न प्रकार की शराब उपलब्ध होगी।
यदि बियर और विदेशी शराब की दुकानें पास-पास होंगी, तो उन्हें मिलाकर एक ही दुकान बना दिया जाएगा।
फलों से बनी शराब को मिलेगा बढ़ावा:
उत्तर प्रदेश के किसानों से खरीदे गए फलों से बनी शराब की प्रत्येक जिला मुख्यालय पर बिक्री के लिए दुकान खोली जाएगी।
नई पैकिंग व्यवस्था और शराब की मात्रा
रेगुलर कैटेगरी की विदेशी शराब अब 90 मिलीलीटर के पैक में उपलब्ध होगी।
प्रीमियम विदेशी शराब के लिए 60 मिलीलीटर और 90 मिलीलीटर के पैक लाए जाएंगे।
देशी शराब अब टेट्रा पैक में आएगी, जिससे मिलावट की संभावना कम होगी।
शराब बिक्री का समय और लाइसेंस फीस
दुकानों का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक रहेगा।
लाइसेंस फीस बढ़ाकर ₹260 प्रति बल्क लीटर कर दी गई है।
देशी शराब के मिनिमम गारंटी कोटा में 10% की वृद्धि की गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह नई आबकारी नीति शराब बिक्री में पारदर्शिता लाने और राजस्व बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।