
पुणे, 10 फरवरी: हमारे देश की असली ताकत युवा हैं। देश और राज्य को आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी युवाओं पर है और इसके लिए देश को युवा शक्ति की आवश्यकता है। यह विचार महाराष्ट्र के खेल और युवा कल्याण मंत्री दत्तात्रय भरणे ने व्यक्त किए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे खुद को कभी कम न समझें, आत्मविश्वास बनाए रखें, और इच्छाशक्ति के बल पर सब कुछ हासिल कर सकते हैं।
वे MIT वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे और MIT स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, पुणे द्वारा आयोजित 14वीं भारतीय छात्र संसद के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर मेघालय विधानसभा के अध्यक्ष थॉमस संगमा, राज्यसभा टीवी चैनल के पूर्व कार्यकारी निदेशक राजेश बादल, MIT WPU के कार्यकारी अध्यक्ष और छात्र संसद के संस्थापक डॉ. राहुल विश्वनाथ कराड और कुलपति डॉ. आर.एम. चिटणीस भी उपस्थित थे।
दत्तात्रय भरणे ने कहा कि युवाओं को राजनीति में आना चाहिए। कोई डॉक्टर बनेगा, कोई इंजीनियर बनेगा और कोई अन्य क्षेत्र में जाएगा, लेकिन राजनीति के माध्यम से लोगों की सेवा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि शहरी युवा राजनीति को लेकर नकारात्मक सोच रखते हैं, लेकिन सिर्फ कुछ बुरे लोगों के कारण पूरी राजनीति को गलत नहीं समझना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आंदोलन से उभरने वाला नेता ही राज्य और देश का नेतृत्व करता है। मेरे परिवार में कोई राजनीतिक विरासत नहीं थी। कॉलेज के दिनों में, मैं एक युवा संगठन के माध्यम से सामाजिक जीवन में सक्रिय हुआ। युवा यदि कड़ी मेहनत करेंगे, तो वे निश्चित रूप से सफल होंगे।
डॉ. राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा कि भारतीय छात्र संसद लोकतंत्र में नेतृत्व का अवसर प्रदान करने वाला एक अनूठा मंच है। यह राजनीति का प्रशिक्षण देने वाला पहला शैक्षणिक संस्थान है। हमारा प्रयास है कि अच्छे और शिक्षित युवाओं को राजनीति में लाया जाए। पिछले 20 वर्षों में हमने युवाओं के मन में यह विश्वास जगाया है कि राजनीति एक अच्छी चीज़ है। यदि युवा समाज की जरूरतों को नहीं पहचान सकते, तो उनकी डिग्रियाँ समाज के लिए उपयोगी नहीं होंगी। इसलिए, हम सामाजिक रूप से जिम्मेदार और उपयोगी स्नातक तैयार कर रहे हैं।
थॉमस संगमा ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सोशल मीडिया के उपयोग को संतुलित दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। इसके लिए ऐसी नीतियाँ आवश्यक हैं जो पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करें, उपयोगकर्ताओं की जानकारी की सुरक्षा करें और गलत सूचना के प्रसार को समय पर रोकें।
राजेश बादल ने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करेगा। सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए अनुदान दिया है। वर्तमान में मानव AI को नियंत्रित कर रहे हैं, लेकिन कुछ वर्षों में AI मानवों पर नियंत्रण कर लेगा। भविष्य में, मानव सभ्यता के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। इसलिए, हमें AI का उपयोग सकारात्मक बदलाव के लिए करना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में प्रो. डॉ. अंजलि साने ने आभार व्यक्त किया और डॉ. गौतम बापट ने कार्यक्रम का संचालन किया।