
नई दिल्ली– हंसी, व्यंग्य और शानदार अभिनय से भरी एक यादगार शाम मेघदूत 3 में देखने को मिली, जब MIT ADT यूनिवर्सिटी के थिएटर विभाग के दूसरे वर्ष के छात्रों ने प्रतिष्ठित 25वें भारत रंग महोत्सव (BRM) में कंजूस का मंचन किया। यह नाटक, जो कि प्रसिद्ध फ्रेंच नाटककार मोलिएर के क्लासिक कॉमेडी द माइज़र का हिंदी रूपांतरण है, थिएटर विभाग के प्रमुख डॉ. अमोल देशमुख के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति को दर्शकों और समीक्षकों से जबरदस्त सराहना मिली।
मोलिएर का द माइज़र, 17वीं सदी की कालजयी व्यंग्य रचना, को कंजूस में कुशलतापूर्वक रूपांतरित किया गया है। यह नाटक अपनी मौलिक हास्य शैली और विशिष्टता को बनाए रखते हुए भारतीय दर्शकों के लिए सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक बना दिया गया है। यह नाटक मिर्ज़ा शेख नामक किरदार के इर्द-गिर्द घूमता है, जो अपनी संपत्ति को लेकर बेहद कंजूस और जुनूनी होता है। उसकी इसी मानसिकता के कारण हास्यास्पद गलतफहमियां और टकराव उत्पन्न होते हैं।
शुरुआती दृश्य से ही कंजूस ने दर्शकों को बांधे रखा। युवा कलाकारों ने अपने किरदारों पर बेहतरीन पकड़ दिखाई और उन्हें ऊर्जा व सटीकता के साथ मंच पर जीवंत कर दिया। मुख्य भूमिका निभाने वाले मिर्ज़ा शेख ने अपनी शानदार कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को खूब हंसाया। उनकी बॉडी लैंग्वेज, घबराहट के भाव और तेज़ हावभाव ने कंजूस व्यक्ति के सभी पहलुओं को बखूबी दर्शाया।
हालांकि, इस शाम के असली सितारे नंबू थे, जिनका किरदार दर्शकों के लिए एक विशेष आकर्षण था। एक महिला कलाकार द्वारा निभाया गया यह किरदार अपनी शरारती शैली, शारीरिक हावभाव और शानदार संवाद अदायगी से सभी का दिल जीतने में कामयाब रहा। उनके सजीव हावभाव, उत्तम टाइमिंग और जबरदस्त मंचीय उपस्थिति ने नाटक को नई ऊंचाइयां दीं।
मुख्य पात्रों के अलावा, पूरी कास्ट ने भी अपने-अपने किरदारों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। प्रेम कहानी, चालाक नौकरों और मिर्ज़ा शेख के इर्द-गिर्द घूमने वाले दिलचस्प किरदारों ने नाटक में और अधिक मनोरंजन जोड़ा। कलाकारों के बीच बेहतरीन तालमेल देखने को मिला, जिससे संवादों और दृश्यों में स्वाभाविकता बनी रही।
कंजूस की सबसे बड़ी खासियत इसकी बेहतरीन टीम वर्क थी। चतुर संवाद, नाटकीय विडंबना और हास्यपूर्ण तत्वों ने कलाकारों की गहरी समझ को दर्शाया, जो MIT ADT यूनिवर्सिटी के थिएटर विभाग में मिली कठोर प्रशिक्षण का परिणाम था।
दृश्यात्मक रूप से भी इस प्रस्तुति को सहज और प्रभावी रखा गया था। मंच सज्जा ने दर्शकों को कंजूस की दुनिया में खींच लिया, बिना किसी अतिरिक्त प्रॉप्स की आवश्यकता के। प्रकाश व्यवस्था ने नाटकीय दृश्यों को और प्रभावी बनाया, वहीं रंगीन वेशभूषा ने किरदारों के व्यक्तित्व को और निखारा। हास्य के प्रभाव को बनाए रखने के लिए सौंदर्यशास्त्रीय तत्वों का शानदार उपयोग किया गया।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) द्वारा आयोजित भारत रंग महोत्सव, जो भारत का प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय थिएटर महोत्सव है, में कंजूस का चयन किया जाना MIT ADT यूनिवर्सिटी के थिएटर विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हजारों नाटकों की कठोर चयन प्रक्रिया के बाद इस नाटक को मंचन के लिए चुना गया, जिससे छात्रों के समर्पण और थिएटर विभाग की रचनात्मक दृष्टि को मान्यता मिली।
BRM में भागीदारी ने छात्रों को अपने कला कौशल को थिएटर प्रेमियों, विद्वानों और समकालीन कलाकारों के सामने प्रस्तुत करने का एक अनमोल अवसर दिया। इस मंच ने उन्हें विभिन्न नाट्य शैलियों के संपर्क में आने का अवसर दिया, जिससे उनके प्रदर्शन कौशल को और निखारने में मदद मिली।