
नई दिल्ली: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर ₹2 प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि तेल विपणन कंपनियां (OMCs) अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों के अनुरूप खुदरा कीमतों में समायोजन कर सकती हैं।
“आपने वित्त मंत्रालय की वह अधिसूचना देखी होगी जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज दरें ₹2 बढ़ाई जा रही हैं,” पुरी ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें घटकर लगभग $60 प्रति बैरल आ गई हैं, लेकिन तेल कंपनियां अभी भी पुराना स्टॉक खपत कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि तेल विपणन कंपनियां आमतौर पर 45 दिनों का स्टॉक रखती हैं। “अगर आप जनवरी की ओर देखें, तब कच्चे तेल की कीमत $83 प्रति बैरल थी, जो बाद में घटकर $75 हो गई। तो फिलहाल जो स्टॉक उनके पास है, वह औसतन $75 प्रति बैरल के हिसाब से है,” पुरी ने बताया।
मंत्री ने दोहराया कि भारत का ईंधन क्षेत्र विनियामन-मुक्त (deregulated) है, जिससे कंपनियों को वैश्विक बाजार के हिसाब से कीमतें तय करने की स्वतंत्रता मिलती है। “आप यह उम्मीद कर सकते हैं कि तेल विपणन कंपनियां अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करेंगी,” पुरी ने कहा।
यह एक्साइज ड्यूटी वृद्धि ऐसे समय में की गई है जब अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। सरकार आने वाले हफ्तों में उपभोक्ताओं पर इसके प्रभाव पर नजर रखेगी।