
नई दिल्ली, 2 मई: एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम ने 2 मई 2025 को भारतीय वायु सेना (IAF) के उप प्रमुख के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।
देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (RIMC) और खडकवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पूर्व छात्र एयर मार्शल तिवारी को 7 जून 1986 को भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त हुआ। उन्हें जून 1985 में एनडीए में प्रेसिडेंट्स गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था।
एयर मार्शल तिवारी को विभिन्न विमानों पर 3,600 से अधिक घंटे की उड़ान का अनुभव है। वह एक क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट हैं। उन्होंने अमेरिका स्थित एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से स्नातक किया है। अपने विशिष्ट करियर में उन्होंने वायु सेना के टेस्ट पायलट स्कूल और वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में निदेशक स्टाफ के रूप में सेवाएं दी हैं।
उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान ‘लाइटनिंग’ लेज़र डिजिगनेशन पॉड को ऑपरेशनल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2018–19 के दौरान नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में प्रोजेक्ट डायरेक्टर (फ्लाइट टेस्ट) के रूप में, वे तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) की फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस में भी निर्णायक भूमिका में रहे।
उनकी कूटनीतिक सेवा में 2013 से 2016 तक पेरिस में भारतीय दूतावास में एयर अटैशे के रूप में कार्य करना शामिल है। उन्होंने वायु मुख्यालय (वायु भवन) में डिप्टी चीफ ऑफ द एयर स्टाफ के रूप में भी सेवा दी और हाल ही में दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया।
उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक (2025), अति विशिष्ट सेवा पदक (2022) और वायु सेना पदक (2008) से सम्मानित किया गया है।
एयर मार्शल तिवारी की पत्नी श्रीमती ऋचा तिवारी साइटोलॉजी में स्नातकोत्तर हैं। दंपति की दो बेटियां हैं।