पुणे: सामाजिक जिम्मेदारी और सामुदायिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए भारतीय सेना की दक्षिणी कमान ने 77वें सेना दिवस समारोह के अवसर पर अपने क्षेत्र में व्यापक रक्तदान अभियान का आयोजन किया। “रक्तदान करें – जीवन बचाएं” थीम के तहत आयोजित इस पहल में 21 स्थानों पर शिविर लगाए गए, जिनमें कुल 1,537 यूनिट रक्त संग्रह किया गया।
इस अभियान का उद्देश्य न केवल ब्लड बैंकों की आपातकालीन जरूरतों को पूरा करना था, बल्कि रक्तदान के महत्व के प्रति जागरूकता भी फैलाना था। इसमें सेना के जवानों, उनके परिवारों, पूर्व सैनिकों, एनसीसी कैडेट्स, सिविल डिफेंस कर्मचारियों, विश्वविद्यालय के छात्रों और समाज के विभिन्न वर्गों से आए स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
पुणे, खड़की, काम्पटी, औरंगाबाद, अहिल्यानगर, ग्वालियर, जोधपुर, झांसी, बबीना, भोपाल, नसीराबाद, सागर, सिकंदराबाद, चेन्नई, अवडी, गोलकुंडा, बेलगाम, त्रिवेंद्रम, कन्नूर और वेलिंगटन स्थित सैन्य अस्पतालों में रक्तदान शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों को प्रमुख नागरिक अस्पतालों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से आयोजित किया गया, ताकि संग्रहित रक्त जरूरतमंद मरीजों तक पहुंच सके।
पुणे में, यह शिविर कमांड अस्पताल, दक्षिणी कमान और मिलिट्री अस्पताल, खड़की में आयोजित किया गया, जिसमें कुल 120 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। यह कार्यक्रम आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (AFMC) और उसके ब्लड ट्रांसफ्यूजन एवं हेमेटोलॉजी विभागों के सहयोग से आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल एस.पी. सिंह, युद्ध सेवा मेडल, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय दक्षिणी कमान ने किया।
रक्तदान अभियान ने राष्ट्र निर्माण में सेना की प्रतिबद्धता और नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं में कर्तव्य की भावना को प्रोत्साहित किया। वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने सभी योगदानकर्ताओं को उनके अमूल्य सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और इस बात पर जोर दिया कि इस प्रकार की पहल सेना और समाज के बीच के संबंधों को मजबूत करती है और अनगिनत जीवन बचाने में सहायक होती है।
यह सराहनीय प्रयास भारतीय सेना की अपने नागरिकों के कल्याण के प्रति समर्पण को दर्शाता है और समाज कल्याण में योगदान करने के लिए अन्य लोगों को प्रेरित करता है।